बिहारीदीक्षित,अतर्रा(बांदा)
कोरोनाकालमेंजबस्कूलबंदथेऔरपढ़ाईआनलाइनप्लेटफार्मपरआगईतोकईगरीबबच्चेऐसेथे,जिनकेपाससंसाधननहींथे।ऐसेबच्चेभलाकैसेपढ़ेंगे,इसकीचिताअतर्रातहसीलकेग्रामबरेहंडाकेउच्चप्राथमिकविद्यालय(कम्पोजिट)केसहायकअध्यापकशिवकरणसिंहकोहुईतोनईपहलकरडाली।इनबच्चोंकेलिएवहगांवकीचौपालपरतोकहींपेड़केनीचेपाठशालालगाएनजरआए।गरीबबच्चोंकोशिक्षाकेअधिकारसेवंचितनहींहोनेदिया।उनकीमेहनतकाफलयहरहाकिइनमेंपांचबच्चेइसवर्षराष्ट्रीयप्रतिभाखोजपरीक्षामेंचयनितहुए।उनकेविद्यालयकेकुल14बच्चेचयनितहुएहैं।
कोरोनाकालमेंजबपूरादेशथमगयाथातोसहायकअध्यापकशिवकरणसिंहनेशिक्षाकेदीपजलाएरखे।लगातारदोवर्षविद्यालयबंदरहनेकेदौरानकभीकिसीछात्रकेघरकेबाहरतोकभीकिसीपेड़केनीचेकक्षालगाकरबच्चोंकोपढ़ाया।वहबच्चोंसेउनकालक्ष्यपूछतेहैं,फिरउसेपानेकेलिएप्रेरितकरतेहैं।शिवकरणसिंहवर्ष1999मेंबिसंडाब्लाककेप्राथमिकविद्यालयचुहकापुरवामेंतैनातहुएथे।फिरग्रामओरहा,आऊमेंशिक्षणकार्यकरतेहुए2018मेंउच्चप्राथमिकविद्यालयबरेहंडामेंस्थानांतरितकिएगए।शिक्षकशिवकरणसिंहशिक्षाकेप्रतिछात्रोंकोअतिरिक्तसमयदेकरशिक्षितकरनेकाश्रेयप्रधानाध्यापकरामकिशोरपांडेयकोदेतेहैं।उनकाकहनाहैकिजबवहयहांविद्यालयमेंतैनातहुएथे,तबप्रधानाध्यापकअकेलेहीकमजोरछात्रोंकोअतिरिक्तकक्षामेंपढ़ातेथे।यहदेखउनकेअंदरबच्चोंकोपढ़ानेकाजज्बाबढ़तागया।आजछात्रोंकोविद्यालयकेअलावाएक-दोघंटेअतिरिक्तशिक्षणकार्यकरातेहैंतोसुकूनमिलताहै।कोरानाकालआयातोउनकेमनमेंयहविचारआयाकिकमजोरबच्चेतोऔरपिछड़जाएंगे।इसकेबादऐसेबच्चोंकेघरमेंसंपर्ककिया।बच्चोंकोपढ़ाईकेलिएप्रेरितकरग्रुपबनायाऔरपढ़ानेलगे।पहलेसेहीऐसेगांवकेबच्चोंकोबतादेतेथे,उसकेबादउसगांवकीचौपालयाकिसीकेघरकेबाहरखालीजगहपरपढ़ातेथे।यहदेखदूसरेबच्चेभीप्रेरितहुएऔरपढ़नेलगे।तीनसालमें35छात्रहुएचयनित
सहायकअध्यापककीमेहनतकाहीनतीजाहैकितैनातीकेबादतीनवर्षोमेंकुल35छात्रआयआधारितराष्ट्रीयप्रतिभाखोजपरीक्षामेंचयनितहुएहैं।सत्र2018-19में11,2019-20में10व2020-21में11छात्रचयनितहुएहैं।राष्ट्रीयप्रतिभाखोजपरीक्षामेंचयनितहोनेवालेछात्रकोवर्षमें48हजाररुपयेकीस्कारशिपमिलतीहै।