संवादसूत्र,मेहरमा:मध्यविद्यालयकन्यामेहरमाकेछात्रसुजीतकुमार,वर्ग-सप्तमनेमिट्टीसेनिर्मितदर्जनोंतरहकेसामानतैयारकरयहसाबितकरदियाहैकिदेहातीक्षेत्रकेबच्चेभीकलाकेक्षेत्रमेंकाफीआगेहैं।सुजीतकुमार,पितासरवनकुमारमंडल,मेहरमा,वर्ग-सप्तममेंगीलीमिट्टीसेअपनेहाथोंगैसचूल्हा,पिटारी,तसला,लोहड़ीपाटी,कठोथ,सामान्यचूल्हा,उखलकेअलावाकईअन्यसामानअपनेहाथोंतैयारकिएहैं।उनकेद्वारातैयारकिएगएसामानकोदिखानेकेलिएउन्होंनेविद्यालयकेप्रधानाध्यापकअनवारूलहकसेआग्रहकरउन्हेंअपनेघरबुलायाएवंअपनेहाथोंनिर्मितमिट्टीसेबनाएगएसभीसामानोंकोबारी-बारीसेदिखाया।इससंबंधमेंविद्यालयकेप्रधानाध्यापकअनवारूलहकनेबतायाकिबच्चेविद्यालयमेंभीकाफीअनुशासितढंगसेविद्याअध्ययनकरतेहैं,एवंनियमितस्कूलआतेथे,परंतुजबसेलॉकडाउनलगीहैऔरस्कूलबंदहै,ऐसीस्थितिमेंउनकेमनमेंजहांसेभीप्रेरणाआईहो,उन्होंनेमिट्टीद्वाराकईतरहकेसामानतैयारकिएहैं,जोकाबिलेतारीफहै।उन्होंनेसुजीतकुमारकोइसकेलिएदिलसेआशीर्वादएवंशुभकामनाएंदी।आगेउन्होंनेबतायाकिऐसेछात्रोंसेकईअन्यछात्रोंकोभीप्रेरणालेनेकीजरूरतहै,चुकेपढ़ाईकेसाथ-साथकलामेंनिपुणहोनाअपनेआपमेंएकअछ्वुतगुणमानाजाताहै।उन्होंनेबच्चोंकेउज्जवलभविष्यकीकामनाकीहै।प्रधानाध्यापकनेआगेबतायाकिविद्यालयखुलनेकेबादअन्यबच्चोंकोभीकलाकेक्षेत्रमेंआगेबढ़नेकेलिएप्रेरितकरतारहूंगा।