संवादसहयोगी,जगराओं:कोरोनाकेकारणपिछलेकरीबडेढ़सालसेनिजीस्कूलोंकेवैनचालकमुश्किलमेंहैं।उनकाकहनाहैकिनतोस्कूलप्रबंधनउनकीसुधलेरहाहैऔरनहीसरकार।हालातयेहोगएहैंकिउन्हेंरोटीतककेलालेपड़गएहैं।पहलेहाईकोर्टकेआदेशपरउनकोपुरानेवाहनोंकेस्थानपरनएउच्चदर्जेकीआधुनिकसहूलियतवालीगाड़ियांखरीदनीपड़ीं।अभीगाड़ियोंकीकिस्तभीवेकईमाहसेनहींदेपाएहैं।

वैनचालकविक्कीतिहडा,दर्शनसिंहमुल्लांपुर,सेवकसिंहकोकरी,जग्गीगालिबऔरपिदानेकहाकिजबकोरोनाकेकहरकेसाथहीस्कूलबंदहोगएथे।तबडीजलकीकीमत60-65रुपयेप्रतिलीटरथी।अबदोबारास्कूलखोलनेकेलिएसरकारद्वारानोटिफिकेशनजारीकियागयाहैतोइससमयडीजलकीकीमत94रुपयेप्रतिलीटरतकपहुंचचुकीहै।स्कूलोंनेतोआनलाइनसुविधाप्रदानकरनेकेनामपरअपनीफीसेंहासिलकरलीलेकिनवैनचालकोंकोकिसीतरहकीसहूलियतदेनेकेलिएजहांस्कूलोंनेहाथखड़ेकरलिए,वहींपंजाबसरकारनेभीउन्हेंकोईसहूलियतनहींदी।बैंकोंसेलिएकर्जपरकईतरहकेचार्जेसभीजोड़ेजारहेहैं।स्कूलवैनचालकोंनेसरकारपरपक्षपातकरनेकेआरोपलगातेहुएसरकारकीनीतियोंकीआलोचनाकीऔरकहाकिहमसभीभीटैक्सभरनेवालेनागरिकहैं।सरकारअन्यकारोबारियोंकीतरहउन्हेंभीसुविधाएंप्रदानकरेंताकिहमअपनेपरिवारपालसकें।

By Dean